रब्बा दुहाइयाँ
रूठी परछाइयाँ
जाने अनजाने
मैं बार बार तन्हा
मैं रोज़ रोज़ तन्हा
मैं बेशुमार तन्हा हुआ
मैं बार बार तन्हा
मैं रोज़ रोज़ तन्हा
मैं बेशुमार तन्हा हुआ
आँख में नहीं है देखो
क़तरा कोई भी उसका
हाँ. औरों का तो होना क्या था
अपना भी मैं ना हो सका
आ. दिल की गहराइयाँ
पूछे सच्चाइयाँ
जाने अनजाने
मैं बार बार तन्हा
मैं रोज़ रोज़ तन्हा
मैं बेशुमार तन्हा हुआ
मैं बार बार तन्हा
मैं रोज़ रोज़ तन्हा
मैं बेशुमार तन्हा हुआ
रूठी परछाइयाँ
जाने अनजाने
मैं बार बार तन्हा
मैं रोज़ रोज़ तन्हा
मैं बेशुमार तन्हा हुआ
मैं बार बार तन्हा
मैं रोज़ रोज़ तन्हा
मैं बेशुमार तन्हा हुआ
आँख में नहीं है देखो
क़तरा कोई भी उसका
हाँ. औरों का तो होना क्या था
अपना भी मैं ना हो सका
आ. दिल की गहराइयाँ
पूछे सच्चाइयाँ
जाने अनजाने
मैं बार बार तन्हा
मैं रोज़ रोज़ तन्हा
मैं बेशुमार तन्हा हुआ
मैं बार बार तन्हा
मैं रोज़ रोज़ तन्हा
मैं बेशुमार तन्हा हुआ
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