जाना था हमसे दूर, बहाने बना लिए
अब तुम ने कितनी दूर ठिकाने बना लिए
जाना था हमसे दूर...
रुख़्सत के वक़्त तुम ने जो आँसू हमें दिए
उन आँसुओं से हम ने फ़साने बना लिए
अब तुमने कितनी दूर ठिकाने बना लिए
जाना था हमसे दूर...
दिल को मिले जो दाग़, जिगर को मिले जो दर्द
उन दौलतों से हम ने ख़ज़ाने बना लिए
अब तुम ने कितनी दूर ठिकाने बना लिए
जाना था हमसे दूर, बहाने बना लिए
अब तुम ने कितनी दूर ठिकाने बना लिए
जाना था हमसे दूर...
अब तुम ने कितनी दूर ठिकाने बना लिए
जाना था हमसे दूर...
रुख़्सत के वक़्त तुम ने जो आँसू हमें दिए
उन आँसुओं से हम ने फ़साने बना लिए
अब तुमने कितनी दूर ठिकाने बना लिए
जाना था हमसे दूर...
दिल को मिले जो दाग़, जिगर को मिले जो दर्द
उन दौलतों से हम ने ख़ज़ाने बना लिए
अब तुम ने कितनी दूर ठिकाने बना लिए
जाना था हमसे दूर, बहाने बना लिए
अब तुम ने कितनी दूर ठिकाने बना लिए
जाना था हमसे दूर...
Comments (0)
The minimum comment length is 50 characters.