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IQRAAR - Sudhanwa Vaid
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IQRAAR Sudhanwa Vaid

IQRAAR - Sudhanwa Vaid
[Verse 1]
ले चल तू कहीं दूर दिल भी जीना चाहे
खूबसूरत है तस्सावुर जो ज़िंदगी महकाए
ले चल तू कहीं दूर दिल भी जीना चाहे
खूबसूरत है तस्सावुर जो ज़िंदगी महकाए
ले चल तू कहीं दूर दिल भी जीना चाहे
खूबसूरत है तस्सावुर जो ज़िंदगी महकाए

[Chorus]
तू जो सोचे मैं वहीं हूं, महसूस होती कमी हूं
क्या होती जिंदगानी? अगर ना होती मनमानी
बदलेगी कहानी क्योंकि इसका कवि मैं ही हूं
तू चाहे जो वहीं हूं, महसूस होती कमी हूं

[Verse 2]
तेरी ही तो बस अब बची देखो कमी है
मोहब्बत का ये इक़रार पर आंखों में नमी है
ले चल तू कहीं दूर दिल भी जीना चाहे
खूबसूरत तस्सावुर जो ज़िंदगी महकाए
ले चल तू कहीं दूर दिल भी जीना चाहे
खूबसूरत तस्सावुर जो ज़िंदगी महकाए

[Bridge]
दिन और रातों की ना हो कोई खबर
में हू वो जो तू है ना हो कोई फरक
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