कच्चे धागों का ये रिश्ता बन जाता है बचपन से
मरते दम तक साथ निभाएँ बंध के रक्षाबंधन से
धागों से बाँधा एहसास दिल के रिश्ते का
रिश्ता ये अपना रब की रुबाई
मैं रहूँ ना मैं तेरे बिना, तू रहे ना तू मेरे बिना
मैं रहूँ ना मैं तेरे बिना, तू रहे ना तू मेरे बिना
धागों से बाँधा एहसास तुमसे मिलने का
मिलना ये अपना रब की रुबाई
मैं रहूँ ना मैं तेरे बिना, तू रहे ना तू मेरे बिना
मैं रहूँ ना मैं तेरे बिना, तू रहे ना तू मेरे बिना
तुमसे ही तो खिलते सारे फूल उम्मीदों वाले
हिम्मत बंध जाती है, जब तू हँस के पास बिठा ले
ख़ुशियों का तू सामान है
तू साथ है तो यूँ लगे, जीना बड़ा आसान है
बातों से बाँधा हर तार अपने रिश्ते का
रिश्ता ये अपना रब की रुबाई
मैं रहूँ ना मैं तेरे बिना, तू रहे ना तू मेरे बिना
मैं रहूँ ना मैं तेरे बिना, तू रहे ना तू मेरे बिना
चार दिशाओं जैसी तुम हो मेरे लिए ज़रूरी
तुम ना हो तो हर दिन आधा, हर एक शाम अधूरी
आधा मुझे रहना नहीं
कुछ कम लगे वो घर मुझे जिसमें कोई बहना नहीं
मरते दम तक साथ निभाएँ बंध के रक्षाबंधन से
धागों से बाँधा एहसास दिल के रिश्ते का
रिश्ता ये अपना रब की रुबाई
मैं रहूँ ना मैं तेरे बिना, तू रहे ना तू मेरे बिना
मैं रहूँ ना मैं तेरे बिना, तू रहे ना तू मेरे बिना
धागों से बाँधा एहसास तुमसे मिलने का
मिलना ये अपना रब की रुबाई
मैं रहूँ ना मैं तेरे बिना, तू रहे ना तू मेरे बिना
मैं रहूँ ना मैं तेरे बिना, तू रहे ना तू मेरे बिना
तुमसे ही तो खिलते सारे फूल उम्मीदों वाले
हिम्मत बंध जाती है, जब तू हँस के पास बिठा ले
ख़ुशियों का तू सामान है
तू साथ है तो यूँ लगे, जीना बड़ा आसान है
बातों से बाँधा हर तार अपने रिश्ते का
रिश्ता ये अपना रब की रुबाई
मैं रहूँ ना मैं तेरे बिना, तू रहे ना तू मेरे बिना
मैं रहूँ ना मैं तेरे बिना, तू रहे ना तू मेरे बिना
चार दिशाओं जैसी तुम हो मेरे लिए ज़रूरी
तुम ना हो तो हर दिन आधा, हर एक शाम अधूरी
आधा मुझे रहना नहीं
कुछ कम लगे वो घर मुझे जिसमें कोई बहना नहीं
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