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Ishq Jaisa Kuch - Shilpa Rao
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Ishq Jaisa Kuch Shilpa Rao

Ishq Jaisa Kuch - Shilpa Rao
इश्क़ जैसा
इश्क़ जैसा, जैसा

जब साथ होते हैं, जागे सारी रात होते हैं
सपने तेरे आएँगे कैसे?
जो काम हैं दिल के, कर लेंगे आज हम मिल के
तेरे हो जाएँगे ऐसे

बातें अधूरी सी तुझसे हैं पूरी सी
कल थीं फ़िज़ूल की, जो अब हैं ज़रूरी सी
पहली बार ही लग रहा है ऐसा कुछ

होने लगा है जो, है इश्क़ या है वो
इश्क़ जैसा कुछ?
मेरा जो तू हुआ तो ही शुरू हुआ
इसके जैसा कुछ

तेरी बाँहों में, ओ, मेरी जाँ
हाँ, मुझे इतना सुकून मिला
अब कहीं जाना ना और कहाँ
दिल से दिल जो तेरे लगा

हाँ, मेरा इश्क़ है सिर से फिरा
हद में भी रह के करना है क्या?
तू मेरी, मैं तेरा हुआ
दुनिया को लगे जो लगने दो बुरा
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