[Mohd. Irfan "Phir Mohabbat" (feat. Saim Bhat & Arijit Singh) के बोल]
[Verse 1: Mohd Irfan]
जब-जब तेरे पास मैं आया, एक सुकून मिला
जिसे मैं था भूलता आया, वो वजूद मिला
जब आए मौसम ग़म के, तुझे याद किया
Ho, जब सहमे तन्हापन से, तुझे याद किया
[Chorus: Arijit Singh]
Hmm, दिल, संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल, यही रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
[Refrain: Mohd Irfan]
ऐसा क्यों गर हुआ?
जानू ना, मैं जानू ना
[Chorus: Arijit Singh]
Ho, दिल, संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल, यही रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
[Verse 2: Mohd Irfan]
जिस राह पे, है घर तेरा
अक्सर वहाँ से हाँ मैं हूँ गुज़रा
शायद यही, दिल में रहा
तू मुझको मिल जाए क्या पता?
[Verse 1: Mohd Irfan]
जब-जब तेरे पास मैं आया, एक सुकून मिला
जिसे मैं था भूलता आया, वो वजूद मिला
जब आए मौसम ग़म के, तुझे याद किया
Ho, जब सहमे तन्हापन से, तुझे याद किया
[Chorus: Arijit Singh]
Hmm, दिल, संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल, यही रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
[Refrain: Mohd Irfan]
ऐसा क्यों गर हुआ?
जानू ना, मैं जानू ना
[Chorus: Arijit Singh]
Ho, दिल, संभल जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल, यही रुक जा ज़रा
फिर मोहब्बत करने चला है तू
[Verse 2: Mohd Irfan]
जिस राह पे, है घर तेरा
अक्सर वहाँ से हाँ मैं हूँ गुज़रा
शायद यही, दिल में रहा
तू मुझको मिल जाए क्या पता?
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