0
Swagat Hai - Karma
0 0

Swagat Hai Karma

Swagat Hai - Karma
[Intro]
Deep Kalsi!
Karma!
देहरादून का मेरा खून!
[Verse 1]
१२वी के बाद मैं, १२वी के साथ मैं
Friendzone हुआ मैं, १८वी के साथ मैं
आस्तीन के सांपो के बेकार ही था साथ मैं
अब भाई लोग के साथ मैं तोह Army के साथ मैं
माँ बोले शादी कर शारदारनी के साथ में
भोली हर पंडित को बोले धार्मिक के आदमी
मांग लेंगे हाथ भी, पर मांगलिक के साथ नई
ये पंडित बोलै राहु-केतु काल्पनिक सी बात थी


पर सालो के रिवाज़ ये मैं बदलूँ कैसे ?
या बांके कोई संत सब के रख लूँ पैसे?
I mean, i’m just an artist मई नाह सुना रहा प्रवचन
ये गाना मेरी गूगली, दूसरा जैसे हरभजन
कर वचन, खुद से छोड़ लिखना जाके कर भजन
ढंग की बातें लिखनी भारी, बात का तू कर वचन
गीता पे नई हाथ रक्खा फिर भी सच्चा हर वचन
नाम मेरा बढ़ रहा तेरा जल रहा पूरा तन बदन

सर्वजन रिवाज ये होंठ पिचेंगे तुम्हारे
कुर्शी जिसको चाहिए घर पे नोट भेजेंगे तुम्हारे
थोड़ा गरीब मैं बही एकलौता कमाता
पर ये टीवी शो नहीं है मुझको नई चाहिए तुम्हारे
Comments (0)
The minimum comment length is 50 characters.
Information
There are no comments yet. You can be the first!
Login Register
Log into your account
And gain new opportunities
Forgot your password?