
Tu Zinda Hai (From ”Padatik”) Arijit Singh, Sonu Nigam & Salil Chowdhury
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[Arijit Singh, Sonu Nigam & Salil Choudhary "Tu Zinda Hai (From "Padatik") के बोल]
[Chorus: Sonu Nigam]
तू ज़िंदा है तो ज़िंदगी की जीत में यक़ीन कर
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर
तू ज़िंदा है
[Verse 1: Sonu Nigam, Arijit Singh]
यह ग़म के और चार दिन, सितम के और चार दिन
यह दिन भी जाएँगे गुज़र, गुज़र गए हज़ार दिन
यह ग़म के और चार दिन, सितम के और चार दिन
यह दिन भी जाएँगे गुज़र, गुज़र गए हज़ार दिन
[Pre-Chorus: Arijit Singh]
कभी तो होगी इस चमन पे भी बहार की नज़र
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर
तू ज़िंदा है
[Chorus: Arijit Singh & Sonu Nigam]
तू ज़िंदा है तो ज़िंदगी की जीत में यक़ीन कर
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर
तू ज़िंदा है
[Verse 2: Arijit Singh, Sonu Nigam ]
सुबह और शाम के रंगे हुए गगन को चूम कर
तू सुन, ज़मीन गा रही है कब से झूम-झूम कर
सुबह और शाम के रंगे हुए गगन को चूम कर
तू सुन, ज़मीन गा रही है कब से झूम-झूम कर
[Chorus: Sonu Nigam]
तू ज़िंदा है तो ज़िंदगी की जीत में यक़ीन कर
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर
तू ज़िंदा है
[Verse 1: Sonu Nigam, Arijit Singh]
यह ग़म के और चार दिन, सितम के और चार दिन
यह दिन भी जाएँगे गुज़र, गुज़र गए हज़ार दिन
यह ग़म के और चार दिन, सितम के और चार दिन
यह दिन भी जाएँगे गुज़र, गुज़र गए हज़ार दिन
[Pre-Chorus: Arijit Singh]
कभी तो होगी इस चमन पे भी बहार की नज़र
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर
तू ज़िंदा है
[Chorus: Arijit Singh & Sonu Nigam]
तू ज़िंदा है तो ज़िंदगी की जीत में यक़ीन कर
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर
तू ज़िंदा है
[Verse 2: Arijit Singh, Sonu Nigam ]
सुबह और शाम के रंगे हुए गगन को चूम कर
तू सुन, ज़मीन गा रही है कब से झूम-झूम कर
सुबह और शाम के रंगे हुए गगन को चूम कर
तू सुन, ज़मीन गा रही है कब से झूम-झूम कर
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