
Khwab Ho Tum Ya Koi Haqeeqat Kishore Kumar
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[Intro]
ख़्वाब हो तुम या कोई हक़ीक़त, कौन हो तुम, बतलाओ
देर से कितनी दूर खड़ी हो, और क़रीब आ जाओ
[Verse 1]
सुबह पे जिस तरह शाम का हो गुमाँ
सुबह पे जिस तरह शाम का हो गुमाँ
ज़ुल्फ़ों में इक चेहरा कुछ ज़ाहिर, कुछ निहार
[Chorus]
ख़्वाब हो तुम या कोई हक़ीक़त, कौन हो तुम, बतलाओ
ओ, देर से कितनी दूर खड़ी हो, और क़रीब आ जाओ
ख़्वाब हो तुम या कोई हक़ीक़त, कौन हो तुम, बतलाओ
ओ, देर से कितनी दूर खड़ी हो, और क़रीब आ जाओ
[Instrumental-break]
[Verse 2]
धड़कनों ने सुनी एक सदा पाँव की
धड़कनों ने सुनी एक सदा पाँव की
और दिल पे लहराई आँचल की छाँव सी
और दिल पे लहराई आँचल की छाँव सी
[Chorus]
ख़्वाब हो तुम या कोई हक़ीक़त, कौन हो तुम, बतलाओ
ओ, देर से कितनी दूर खड़ी हो, और क़रीब आ जाओ
ख़्वाब हो तुम या कोई हक़ीक़त, कौन हो तुम, बतलाओ
ओ, देर से कितनी दूर खड़ी हो, और क़रीब आ जाओ
ख़्वाब हो तुम या कोई हक़ीक़त, कौन हो तुम, बतलाओ
देर से कितनी दूर खड़ी हो, और क़रीब आ जाओ
[Verse 1]
सुबह पे जिस तरह शाम का हो गुमाँ
सुबह पे जिस तरह शाम का हो गुमाँ
ज़ुल्फ़ों में इक चेहरा कुछ ज़ाहिर, कुछ निहार
[Chorus]
ख़्वाब हो तुम या कोई हक़ीक़त, कौन हो तुम, बतलाओ
ओ, देर से कितनी दूर खड़ी हो, और क़रीब आ जाओ
ख़्वाब हो तुम या कोई हक़ीक़त, कौन हो तुम, बतलाओ
ओ, देर से कितनी दूर खड़ी हो, और क़रीब आ जाओ
[Instrumental-break]
[Verse 2]
धड़कनों ने सुनी एक सदा पाँव की
धड़कनों ने सुनी एक सदा पाँव की
और दिल पे लहराई आँचल की छाँव सी
और दिल पे लहराई आँचल की छाँव सी
[Chorus]
ख़्वाब हो तुम या कोई हक़ीक़त, कौन हो तुम, बतलाओ
ओ, देर से कितनी दूर खड़ी हो, और क़रीब आ जाओ
ख़्वाब हो तुम या कोई हक़ीक़त, कौन हो तुम, बतलाओ
ओ, देर से कितनी दूर खड़ी हो, और क़रीब आ जाओ
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