
Kuhu Kuhu Bole Koyalia Lata Mangeshkar & Mohammed Rafi
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राग - सोहनी
[Intro: Lata Mangeshkar]
आ, आ, आ
आ, आ, आ
[Chorus: Lata Mangeshkar]
कुहू कुहू बोले कोयलिया
कुहू कुहू बोले कोयलिया
कुंज-कुंज में भंवरे डोले
गुन-गुन बोले
आ, आ, आ
कुहू कुहू बोले कोयलिया
[Verse 1: Lata Mangeshkar & Mohammed Rafi]
सज सिंगार ऋतु आई बसंती
आ, आ, आ
सज सिंगार ऋतु आई बसंती
आ, आ, आ
जैसे नार कोई हो रस्वंती
सां नी ध म ध नी सां, ग म ग म ध नी सां
रें सां नी ध नी, सां रें सां नी, सां रें सां नी
ध नी नी, ध नी नी, ध नी, म ध ध, म ध ध, म ध
सा रे ग म ध नी सां
सज सिंगार ऋतु आई बसंती
जैसे नार हो रस्वंती
डाली-डाली कलियों को तितलियाँ चूमें
फूल-फूल पंखड़ियाँ खोलें, अमृत घोलें
आ, आ, आ
[Intro: Lata Mangeshkar]
आ, आ, आ
आ, आ, आ
[Chorus: Lata Mangeshkar]
कुहू कुहू बोले कोयलिया
कुहू कुहू बोले कोयलिया
कुंज-कुंज में भंवरे डोले
गुन-गुन बोले
आ, आ, आ
कुहू कुहू बोले कोयलिया
[Verse 1: Lata Mangeshkar & Mohammed Rafi]
सज सिंगार ऋतु आई बसंती
आ, आ, आ
सज सिंगार ऋतु आई बसंती
आ, आ, आ
जैसे नार कोई हो रस्वंती
सां नी ध म ध नी सां, ग म ग म ध नी सां
रें सां नी ध नी, सां रें सां नी, सां रें सां नी
ध नी नी, ध नी नी, ध नी, म ध ध, म ध ध, म ध
सा रे ग म ध नी सां
सज सिंगार ऋतु आई बसंती
जैसे नार हो रस्वंती
डाली-डाली कलियों को तितलियाँ चूमें
फूल-फूल पंखड़ियाँ खोलें, अमृत घोलें
आ, आ, आ
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