तुम से दूर रह के
तुम से दूर रह के
हमने जाना प्यार क्या हैं
दिल ने माना यार क्या हैं
तुम से दूर रह के
तुम से दूर रह के
हमने जाना प्यार क्या हैं
दिल ने माना यार क्या हैं
तुम से दूर रह के
तुमको पाके ना पहलू में लगता था यूँ
जीते हैं किस लिए और जिंदा हैं क्यों?
हम भी रहते थे बेचैन से हरघडी
बिन तुम्हारे तो वीरान थी ज़िन्दगी
बिन तुम्हारे तो वीरान थी ज़िन्दगी
तुम से दूर रह के
तुम से दूर रह के
दूरियाँ किस लिये, मिल गये हैं जो हम
अब तो होने दो अरमान पूरे सनम
वक़्त आनेपर मीट जायेंगी दूरियाँ
जब न होंगी ज़माने की मजबूरियाँ
जब न होंगी ज़माने की मजबूरियाँ
तुम से दूर रह के
हमने जाना प्यार क्या हैं
दिल ने माना यार क्या हैं
तुम से दूर रह के
तुम से दूर रह के
हमने जाना प्यार क्या हैं
दिल ने माना यार क्या हैं
तुम से दूर रह के
तुमको पाके ना पहलू में लगता था यूँ
जीते हैं किस लिए और जिंदा हैं क्यों?
हम भी रहते थे बेचैन से हरघडी
बिन तुम्हारे तो वीरान थी ज़िन्दगी
बिन तुम्हारे तो वीरान थी ज़िन्दगी
तुम से दूर रह के
तुम से दूर रह के
दूरियाँ किस लिये, मिल गये हैं जो हम
अब तो होने दो अरमान पूरे सनम
वक़्त आनेपर मीट जायेंगी दूरियाँ
जब न होंगी ज़माने की मजबूरियाँ
जब न होंगी ज़माने की मजबूरियाँ
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