
Dheere Chal Ae Bheegi Hawa Mohammed Rafi
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धीरे चल, धीरे चल, ऐ भीगी हवा
के मेरे बुलबुल की है नींद जवाँ
के कहीं लागे ना किसी की उसे बदनज़र
के मीठे सपनों में खो गई है बेख़बर
के धीरे चल, धीरे चल, ऐ भीगी हवा
के मेरे बुलबुल की है नींद जवाँ
के कहीं लागे ना किसी की उसे बदनज़र
के मीठे सपनों में खो गई है बेख़बर
के धीरे चल, धीरे चल, ऐ भीगी हवा
के धीरे चल
चेहरा कहीं है, ज़ुल्फ़ें कहीं हैं
होश कहाँ है भला इस बहार में, इस बहार में
कलियों से केह दे, आज ना चीटके
चंपाकली है सोई इंतज़ार में, इंतज़ार में
अरे हो कितनी दिलकशी
छाई है बेख़ुदी, हाय मेरी बेबसी
के धीरे चल, धीरे चल ऐ भीगी हवा
के मेरे बुलबुल की है नींद जवाँ
के कहीं लागे ना किसी की उसे बदनज़र
के मीठे सपनों में खो गई है बेख़बर
के धीरे चल, धीरे चल, ऐ भीगी हवा
के धीरे चल
के मेरे बुलबुल की है नींद जवाँ
के कहीं लागे ना किसी की उसे बदनज़र
के मीठे सपनों में खो गई है बेख़बर
के धीरे चल, धीरे चल, ऐ भीगी हवा
के मेरे बुलबुल की है नींद जवाँ
के कहीं लागे ना किसी की उसे बदनज़र
के मीठे सपनों में खो गई है बेख़बर
के धीरे चल, धीरे चल, ऐ भीगी हवा
के धीरे चल
चेहरा कहीं है, ज़ुल्फ़ें कहीं हैं
होश कहाँ है भला इस बहार में, इस बहार में
कलियों से केह दे, आज ना चीटके
चंपाकली है सोई इंतज़ार में, इंतज़ार में
अरे हो कितनी दिलकशी
छाई है बेख़ुदी, हाय मेरी बेबसी
के धीरे चल, धीरे चल ऐ भीगी हवा
के मेरे बुलबुल की है नींद जवाँ
के कहीं लागे ना किसी की उसे बदनज़र
के मीठे सपनों में खो गई है बेख़बर
के धीरे चल, धीरे चल, ऐ भीगी हवा
के धीरे चल
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