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Tu Hi Haqeeqat - Irshan Ashraf, Javed Ali & Shadab
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Tu Hi Haqeeqat Irshan Ashraf, Javed Ali & Shadab

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Tu Hi Haqeeqat - Irshan Ashraf, Javed Ali & Shadab
[Chorus]
तू ही हक़ीक़त, ख़्वाब तू, दरिया तू ही, प्यास तू
तू ही दिल की बेक़रारी, तू सुकूँ, तू सुकूँ
जाऊँ मैं अब जब जिस जगह, पाऊँ मैं तुझको उस जगह
साथ होके ना हो तू है रू-ब-रू, रू-ब-रू

[Post-Chorus]
तू हमसफ़र, तू हमक़दम, तू हमनवा मेरा
तू हमसफ़र, तू हमक़दम, तू हमनवा मेरा

[Verse 1]
आ, तुझे इन बाँहों में भर के और भी कर लूँ मैं क़रीब
तू जुदा हो तो लगे है आता-जाता हर पल अजीब
इस जहाँ में है और ना होगा मुझ सा कोई भी ख़ुशनसीब
तूने मुझ को दिल दिया है, मैं हूँ तेरे सब से क़रीब

[Chorus]
मैं ही तो तेरे दिल में हूँ, मैं ही तो साँसों में बसूँ
तेरे दिल की धड़कनों में मैं ही हूँ, मैं ही हूँ

[Post-Chorus]
तू हमसफ़र, तू हमक़दम, तू हमनवा मेरा
तू हमसफ़र, तू हमक़दम, तू हमनवा मेरा

[Verse 2]
हो, कब भला अब ये वक़्त गुज़रे, कुछ पता चलता ही नहीं
जब से मुझ को तू मिला है, होश कुछ भी अपना नहीं
उफ़, ये तेरी पलकें घनी सी, छाँव इनकी है दिल-नशीं
अब किसे डर धूप का है? क्योंकि है ये मुझ पे बिछी
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