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Aisi Sazaa - Shilpa Rao
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Aisi Sazaa Shilpa Rao

Aisi Sazaa - Shilpa Rao
[Intro]
ऐसी सज़ा देती हवा
तन्हाई भी तन्हा नहीं

[Chorus]
ऐसी सज़ा देती हवा
तन्हाई भी तन्हा नहीं
नींदें भी अब सोने गई
रातों को भी परवाह नहीं

[Verse 1]
ऐसे में बारिश की बूँदों से अपनी साँसों को सहला भी दो
बढ़ती हवाओं के झोंकों से दिल को नग़्मा कोई ला भी दो
पलकों की कोरों पे बैठी नमी को धीमे से पिघला भी दो
ये ज़िंदगी ऐसी ही थी, तुमने कभी जाना नहीं

[Verse 2]
जीवन की राहों में आना या जाना बता के नहीं होता है
जाते कहीं हैं, मगर, जानते ना कि आना वहीं होता है
खोने की ज़िद में ये क्यूँ भूलते हो कि पाना भी होता है?
वो पल अभी वैसा ही है, छोड़ा था जो जैसा नहीं

[Chorus]
ऐसी सज़ा देती हवा
तन्हाई भी तन्हा नहीं
नींदें भी अब सोने गई
रातों को भी परवाह नहीं
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