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Tum Bin Jaoon Kahan - Mohammed Rafi
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Tum Bin Jaoon Kahan Mohammed Rafi

Tum Bin Jaoon Kahan - Mohammed Rafi
[Intro]
तुम बिन जाऊँ कहाँ?
तुम बिन जाऊँ कहाँ? कि दुनिया में आ के
कुछ ना फिर चाहा, सनम, तुमको चाह के

[Chorus]
तुम बिन जाऊँ कहाँ? कि दुनिया में आ के
कुछ ना फिर चाहा, सनम, तुमको चाह के
तुम बिन

[Verse 1]
देखो मुझे सर से क़दम तक, सिर्फ़ प्यार हूँ मैं
गले से लगा लो कि तुम्हारा बेक़रार हूँ मैं
तुम क्या जानो कि भटकता फिरा
किस-किस गली तुमको चाह के

[Chorus]
तुम बिन जाऊँ कहाँ? कि दुनिया में आ के
कुछ ना फिर चाहा, सनम, तुमको चाह के
तुम बिन

[Verse 2]
अब है, सनम, हर मौसम प्यार के क़ाबिल
पड़ी जहाँ छाँव हमारी, सज गई महफ़िल
महफ़िल क्या, तनहाई में भी
लगता है जी तुमको चाह के
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