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Kaal Kaal - Brijesh Shandilya (Ft. Dino James)
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Kaal Kaal Brijesh Shandilya (Ft. Dino James)

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Kaal Kaal - Brijesh Shandilya (Ft. Dino James)
काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा
वो काल काल, काल काल है
काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा
वो काल काल, काल काल है

गोल गोल दुनिया में
गोल गोल सदियों से चल रही
वो एक ही मशाल है

काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा
वो काल काल, काल काल है
काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा
वो काल काल, काल काल है

आदमी तो बंदर सा
बनके पर सिकंदर सा
आदमी तो बंदर सा, बनके पर सिकंदर सा
नीतियों का दंभ रोज़ भरता है
पल में एक पीढ़ी है
उम्र एक सीढ़ी है
चढ़ता रोज़ रोज़ ही फिसलता है

पर अहम में जीता है
किस वहाँ में जीता है
रक्त में क्यूँ उसके ये उबाल है
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