
Kaal Kaal Brijesh Shandilya (Ft. Dino James)
На этой странице вы найдете полный текст песни "Kaal Kaal" от Brijesh Shandilya (Ft. Dino James). Lyrxo предлагает вам самый полный и точный текст этой композиции без лишних отвлекающих факторов. Узнайте все куплеты и припев, чтобы лучше понять любимую песню и насладиться ею в полной мере. Идеально для фанатов и всех, кто ценит качественную музыку.

काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा
वो काल काल, काल काल है
काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा
वो काल काल, काल काल है
गोल गोल दुनिया में
गोल गोल सदियों से चल रही
वो एक ही मशाल है
काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा
वो काल काल, काल काल है
काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा
वो काल काल, काल काल है
आदमी तो बंदर सा
बनके पर सिकंदर सा
आदमी तो बंदर सा, बनके पर सिकंदर सा
नीतियों का दंभ रोज़ भरता है
पल में एक पीढ़ी है
उम्र एक सीढ़ी है
चढ़ता रोज़ रोज़ ही फिसलता है
पर अहम में जीता है
किस वहाँ में जीता है
रक्त में क्यूँ उसके ये उबाल है
वो काल काल, काल काल है
काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा
वो काल काल, काल काल है
गोल गोल दुनिया में
गोल गोल सदियों से चल रही
वो एक ही मशाल है
काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा
वो काल काल, काल काल है
काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा
वो काल काल, काल काल है
आदमी तो बंदर सा
बनके पर सिकंदर सा
आदमी तो बंदर सा, बनके पर सिकंदर सा
नीतियों का दंभ रोज़ भरता है
पल में एक पीढ़ी है
उम्र एक सीढ़ी है
चढ़ता रोज़ रोज़ ही फिसलता है
पर अहम में जीता है
किस वहाँ में जीता है
रक्त में क्यूँ उसके ये उबाल है
Комментарии (0)
Минимальная длина комментария — 50 символов.