
Husn Hazir Hain Lata Mangeshkar
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हुस्न हाज़िर है मोहब्बत की सज़ा पाने को
हुस्न हाज़िर है मोहब्बत की सज़ा पाने को
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को
हुस्न हाज़िर है मोहब्बत की सज़ा पाने को
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को
मेरे दीवाने को इतना ना सताओ, लोगों
मेरे दीवाने को इतना ना सताओ, लोगों
ये तो वहशी है, तुम ही होश में आओ, लोगों
ये तो वहशी है, तुम ही होश में आओ, लोगों
बहुत रंजूर है ये, ग़मों से चूर है ये
बहुत रंजूर है ये, ग़मों से चूर है ये
ख़ुदा का ख़ास था, बहुत मजबूर है ये
ख़ुदा का ख़ास था, बहुत मजबूर है ये
क्यूँ चले आए हो?
क्यूँ चले आए हो बेबस पे सितम ढाने को?
कोई पत्थर से...
हाँ, कोई पत्थर ना मारे मेरे दीवाने को
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को
हुस्न हाज़िर है मोहब्बत की सज़ा पाने को
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को
हुस्न हाज़िर है मोहब्बत की सज़ा पाने को
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को
मेरे दीवाने को इतना ना सताओ, लोगों
मेरे दीवाने को इतना ना सताओ, लोगों
ये तो वहशी है, तुम ही होश में आओ, लोगों
ये तो वहशी है, तुम ही होश में आओ, लोगों
बहुत रंजूर है ये, ग़मों से चूर है ये
बहुत रंजूर है ये, ग़मों से चूर है ये
ख़ुदा का ख़ास था, बहुत मजबूर है ये
ख़ुदा का ख़ास था, बहुत मजबूर है ये
क्यूँ चले आए हो?
क्यूँ चले आए हो बेबस पे सितम ढाने को?
कोई पत्थर से...
हाँ, कोई पत्थर ना मारे मेरे दीवाने को
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को
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