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Jiya Lage Na - Ravindra Upadhyay & Sona Mohapatra
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Jiya Lage Na Ravindra Upadhyay & Sona Mohapatra

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Jiya Lage Na - Ravindra Upadhyay & Sona Mohapatra
मन तेरा जो रोग, मोहे समझ ना आए
पास है जो, सब छोड़ के दूर को पास बुलाए

जिया लागे ना तुम बिन मोरा
जिया लागे ना तुम बिन मोरा
जिया लागे ना तुम बिन मोरा
जिया लागे ना तुम बिन मोरा

क्या जाने क्यूँ है, क्या जाने कैसी, अनदेखी सी डोर
जो खेंचती है, जो ले चली है
जो खेंचती है, जो ले चली है अब यूँ मुझे तेरी ओर

हो, मैं अनजानी हूँ वो कहानी होगी ना जो पूरी
हो, मैं अनजानी हूँ वो कहानी होगी ना जो पूरी
हो, पास आओगे तो पाओगे
पास आओगे तो पाओगे, फिर भी है एक दूरी

जिया लागे ना तुम बिन मोरा
जिया लागे ना तुम बिन मोरा
जिया लागे ना तुम बिन मोरा
जिया लागे ना तुम बिन मोरा
जिया, जिया

मन अब तक जो बूझ ना पाया, तुम वो पहेली हो
कोई ना जाने क्या वो रहस् है
कोई ना जाने क्या वो रहस् है जिसकी सहेली हो
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