अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
कैसे इश्क़ से सज गईं राहें
जब से देखी हैं तेरी निगाहें
या-ख़ुदा, मैं तो तेरा हो गया
कैसे इश्क़ से सज गईं राहें
जब से देखी हैं तेरी निगाहें
या-ख़ुदा, मैं तो तेरा हो गया
तू जो करम फ़रमाए, अगम इंसाँ हो जाएँ
मस्ताना होके, दीवाना होके तुझे पल में पा जाएँ
साँस-ए-फ़िज़ा में तू है, रूह-ए-बयाँ में तू है
हर इब्तिदा में, हर इंतेहा में, हर एक नज़र-ए-ज़बाँ तू है
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
कैसे इश्क़ से सज गईं राहें
जब से देखी हैं तेरी निगाहें
या-ख़ुदा, मैं तो तेरा हो गया
कैसे इश्क़ से सज गईं राहें
जब से देखी हैं तेरी निगाहें
या-ख़ुदा, मैं तो तेरा हो गया
तू जो करम फ़रमाए, अगम इंसाँ हो जाएँ
मस्ताना होके, दीवाना होके तुझे पल में पा जाएँ
साँस-ए-फ़िज़ा में तू है, रूह-ए-बयाँ में तू है
हर इब्तिदा में, हर इंतेहा में, हर एक नज़र-ए-ज़बाँ तू है
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
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