0
Allah Hi Reham - Rashid Khan
0 0

Allah Hi Reham Rashid Khan

Allah Hi Reham - Rashid Khan
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम

अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम

कैसे इश्क़ से सज गईं राहें
जब से देखी हैं तेरी निगाहें
या-ख़ुदा, मैं तो तेरा हो गया

कैसे इश्क़ से सज गईं राहें
जब से देखी हैं तेरी निगाहें
या-ख़ुदा, मैं तो तेरा हो गया

तू जो करम फ़रमाए, अगम इंसाँ हो जाएँ
मस्ताना होके, दीवाना होके तुझे पल में पा जाएँ
साँस-ए-फ़िज़ा में तू है, रूह-ए-बयाँ में तू है
हर इब्तिदा में, हर इंतेहा में, हर एक नज़र-ए-ज़बाँ तू है

अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
अल्लाह ही रहम, मौला ही रहम
Comments (0)
The minimum comment length is 50 characters.
Information
There are no comments yet. You can be the first!
Login Register
Log into your account
And gain new opportunities
Forgot your password?