[Intro]
मोह-मोह...
मोह-मोह के धागे
[Chorus]
ये मोह-मोह के धागे तेरी उँगलियों से जा उलझे
ये मोह-मोह के धागे तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह-टोह ना लागे, किस तरह गिरह ये सुलझे?
है रोम-रोम इक तारा...
है रोम-रोम इक तारा जो बादलों में से गुज़रे
ये मोह-मोह के धागे तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह-टोह ना लागे, किस तरह गिरह ये सुलझे?
[Verse 1]
तू होगा ज़रा पागल तूने मुझको है चुना
तू होगा ज़रा पागल तूने मुझको है चुना
कैसे तूने अनकहा, तूने अनकहा सब सुना
तू होगा ज़रा पागल तूने मुझको है चुना
[Chorus]
तू दिन सा है, मैं रात
आ ना दोनों मिल जाएँ शामों की तरह
ये मोह-मोह के धागे तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह-टोह ना लागे, किस तरह गिरह ये सुलझे?
मोह-मोह...
मोह-मोह के धागे
[Chorus]
ये मोह-मोह के धागे तेरी उँगलियों से जा उलझे
ये मोह-मोह के धागे तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह-टोह ना लागे, किस तरह गिरह ये सुलझे?
है रोम-रोम इक तारा...
है रोम-रोम इक तारा जो बादलों में से गुज़रे
ये मोह-मोह के धागे तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह-टोह ना लागे, किस तरह गिरह ये सुलझे?
[Verse 1]
तू होगा ज़रा पागल तूने मुझको है चुना
तू होगा ज़रा पागल तूने मुझको है चुना
कैसे तूने अनकहा, तूने अनकहा सब सुना
तू होगा ज़रा पागल तूने मुझको है चुना
[Chorus]
तू दिन सा है, मैं रात
आ ना दोनों मिल जाएँ शामों की तरह
ये मोह-मोह के धागे तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह-टोह ना लागे, किस तरह गिरह ये सुलझे?
Comments (0)
The minimum comment length is 50 characters.