
Agar Tum Saath Ho Arijit Singh & Alka Yagnik
На этой странице вы найдете полный текст песни "Agar Tum Saath Ho" от Arijit Singh & Alka Yagnik. Lyrxo предлагает вам самый полный и точный текст этой композиции без лишних отвлекающих факторов. Узнайте все куплеты и припев, чтобы лучше понять любимую песню и насладиться ею в полной мере. Идеально для фанатов и всех, кто ценит качественную музыку.

[Verse 1: Alka Yagnik]
पल-भर ठहर जाओ, दिल ये सँभल जाए
कैसे तुम्हें रोका करूँ?
मेरी तरफ़ आता हर ग़म फिसल जाए
आँखों में तुम को भरूँ
बिन बोले बातें तुम से करूँ
'गर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो
[Instrumental]
[Hook: Alka Yagnik]
बेहती रेहती नेहर नदियाँ सी
तेरी दुनिया में, मेरी दुनिया है
तेरी चाहतों में, मैं ढल जाती हूँ
तेरी आदतों में
गर तुम साथ हो
[Chorus: Arijit Singh]
तेरी नज़रों में है तेरे सपने
तेरे सपनों में है नाराज़ी
मुझे लगता है के बातें दिल की
होती लफ़्ज़ों की धोखेबाज़ी
तुम साथ हो, या ना हो, क्या फर्क है?
बेदर्द थी ज़िन्दगी, बेदर्द है
पल-भर ठहर जाओ, दिल ये सँभल जाए
कैसे तुम्हें रोका करूँ?
मेरी तरफ़ आता हर ग़म फिसल जाए
आँखों में तुम को भरूँ
बिन बोले बातें तुम से करूँ
'गर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो
[Instrumental]
[Hook: Alka Yagnik]
बेहती रेहती नेहर नदियाँ सी
तेरी दुनिया में, मेरी दुनिया है
तेरी चाहतों में, मैं ढल जाती हूँ
तेरी आदतों में
गर तुम साथ हो
[Chorus: Arijit Singh]
तेरी नज़रों में है तेरे सपने
तेरे सपनों में है नाराज़ी
मुझे लगता है के बातें दिल की
होती लफ़्ज़ों की धोखेबाज़ी
तुम साथ हो, या ना हो, क्या फर्क है?
बेदर्द थी ज़िन्दगी, बेदर्द है
Комментарии (0)
Минимальная длина комментария — 50 символов.