0
Buba - Uniq Poet
0 0

Buba Uniq Poet

На этой странице вы найдете полный текст песни "Buba" от Uniq Poet. Lyrxo предлагает вам самый полный и точный текст этой композиции без лишних отвлекающих факторов. Узнайте все куплеты и припев, чтобы лучше понять любимую песню и насладиться ею в полной мере. Идеально для фанатов и всех, кто ценит качественную музыку.
Buba - Uniq Poet
सानोमा उसलाई बुबाले भन्नुहुन्थ्यो
पछि फलानो जस्तै ठुलो मान्छे हुन्छ मेरो छोरो
कहिल्यै को फलानो कहिल्यै को फलानो
तर ठुलो मान्छे चैं पक्कै
आफुले दिनभरि काम गरेर बेलुकी उसको कोठामा हेर्नुहुन्थो
छोरो पढ्दै छ भने ठुलो मान्छे भएस भनेरै आशिस दिएरै सुत्नु हुन्थ्यो उसको बुबा
त्यही ठुलो मान्छे हुने क्रममा
जम्मा अठ्ठार वर्षमै विदेशको भ्रममा
लौ बुबा रिण लिनु पर्यो
मँ पनि विदेश हिन्दिनु पर्यो
संसार चिन्दिनु पर्यो
हजूरको ठुलो बनाउने सपना पचास लाख मात्रले किन्दिनु पर्यो
के भनोस बिचरा बाउ
हुन्छ नि त जाऊ
राम्रो खाऊ, राम्रो लाऊ
नाम, दाम, शान कमाऊ
ठुलो मान्छे बनेर आऊ
केही वर्ष त कुरो सुनाउथ्यो छोरो
पछि पछि अरूले नै बा:लाई सुनाउन थाले
सायद धेरै नै ठुलो भएछ छोरो आफ्नो जरो पनि भुल्यो क्यारे
कयौं वर्ष बित्दा पनि आएन छोरो फर्केर
नातिको तस्बिर देख्दाखेरि उसको खुशीको आँसु वर्षेछ
ठुलो मान्छे भाको छोरो अब बाउ पनि भएछ
मेरो छोरो पनि ठुलो मान्छे बनोस भन्ने इच्छा उसको पनि रहेछ
बिर्सिएको बाल्यकाल अब बल्ल याद आयो कि
बुबाको ऊ प्रतिको माया कति रहेछ बल्ल थाहा पायो नि
थाम्न सकेन मन उसले फर्कि जाने इच्छा भो
पाठ ढिल्लै बुझेपनि बहुमुल्य रैछ शिक्षा त्यो
फर्कि जान्छ केही नसोचि घर पुग्दा मन खिन्न भो
चाउरिएको त्यो हात समाई सोध्यो मलाई चिन्नुभो ?
गलि सकेका गाला त्यी देखिए मुस्कुराए झै
हजूरको स्नेह , हजूरको प्रेम सम्झि फर्कि आएँ है
बुझिनछु मर्म मैले
स्वर्गरूपी धर्म त्यागेँ
ठुलो मान्छे बन्छु भन्दा
मान्छे बन्न भुलेँ क्यारे
पस्चताप नगर छोरो बोल्छ मुहार उसको बुबाको
आँखा चिम्ले अन्तिम साँससंगै
सायद उनको सपना बल्ल पुरा भो
सायद उनको सपना बल्ल पुरा भो
Комментарии (0)
Минимальная длина комментария — 50 символов.
Информация
Комментариев пока нет. Вы можете быть первым!
Войти Зарегистрироваться
Войдите в свой аккаунт
И получите новые возможности