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Atma Rama - Narci
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Atma Rama Narci

Atma Rama - Narci
वहां माता ने थे मांगे दो वर क्या
माने वर धरा पैरों पे ही सर हाँ
बोले कुछ भी, न ही कुछ मांग राम
चले वन को ये बिना किए परवाह

चौदह साल बीते भी अब तो घर आ
इन फ़ासलों से ऐसे न तू तड़पा
मर जाऊंगा मैं तेरे बिना राम मेरे

आत्मा रामा आनंद रमना
आत्मा रामा आनंद रमना
अच्युत केशव हरी नारायण
अच्युत केशव हरी नारायण

आत्मा रामा आनंद रमना
आत्मा रामा आनंद रमना
अच्युत केशव हरी नारायण
अच्युत केशव हरी नारायण

रोका मैने पर आंखे भर आयी ये
चौदह सालों से में लड़ा तनहाई से
सीता माँ को न देखा चौदह सालों से
चौदह सालों से न मिला मेरे भाई से

चौदह सालों में मैं सौ दफा मरा हूँ
चौदह सालों से मैं राह पे ही खडा हूँ
मिल के हाँ गले रोने देना राम मुझे
चौदह सालों से मैं काफी ज्यादा भरा हूँ
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