[Intro]
ठुमक चलत रामचंद्र
ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र
[Verse 1]
किलकि-किलकि उठत धाय
किलकि-किलकि उठत धाय, गिरत भूमि लटपटाय
धाय मात गोद लेत, दशरथ की रनियां
ठुमक चलत...
बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र
[Verse 2]
अंचल रज अंग झारि
अंचल रज अंग झारि, विविध भांति सो दुलारि
विविध भांति सो दुलारि
तन मन धन वारि-वारि, तन मन धन वारि
तन मन धन वारि-वारि, कहत मृदु बचनियां
ठुमक चलत...
बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र
[Verse 3]
विद्रुम से अरुण अधर
विद्रुम से अरुण अधर, बोलत मुख मधुर-मधुर
बोलत मुख मधुर-मधुर
सुभग नासिका में चारु, लटकत लटकनियां
ठुमक चलत...
बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र
ठुमक चलत रामचंद्र
ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र
[Verse 1]
किलकि-किलकि उठत धाय
किलकि-किलकि उठत धाय, गिरत भूमि लटपटाय
धाय मात गोद लेत, दशरथ की रनियां
ठुमक चलत...
बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र
[Verse 2]
अंचल रज अंग झारि
अंचल रज अंग झारि, विविध भांति सो दुलारि
विविध भांति सो दुलारि
तन मन धन वारि-वारि, तन मन धन वारि
तन मन धन वारि-वारि, कहत मृदु बचनियां
ठुमक चलत...
बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र
[Verse 3]
विद्रुम से अरुण अधर
विद्रुम से अरुण अधर, बोलत मुख मधुर-मधुर
बोलत मुख मधुर-मधुर
सुभग नासिका में चारु, लटकत लटकनियां
ठुमक चलत...
बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र
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