0
Main Yeh Sochkar Uske Dar Se Utha - Mohammed Rafi
0 0

Main Yeh Sochkar Uske Dar Se Utha Mohammed Rafi

Main Yeh Sochkar Uske Dar Se Utha - Mohammed Rafi
मैं ये सोचकर उसके दर से उठा था
कि वो रोक लेगी, मना लेगी मुझको
हवाओं में लहराता आता था दामन
कि दामन पकड़ कर बिठा लेगी मुझको

क़दम ऐसे अंदाज़ से उठ रहे थे
कि आवाज़ देकर बुला लेगी मुझको

मगर उसने रोका ना उसने मनाया
ना दामन ही पकड़ा, ना मुझको बिठाया
ना आवाज़ ही दी, ना वापस बुलाया
मैं आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ता ही आया

यहाँ तक कि उससे जुदा हो गया मैं
यहाँ तक कि उससे जुदा हो गया मैं
जुदा हो गया मैं, जुदा हो गया मैं
जुदा हो गया मैं, जुदा हो गया मैं
Comments (0)
The minimum comment length is 50 characters.
Information
There are no comments yet. You can be the first!
Login Register
Log into your account
And gain new opportunities
Forgot your password?