मैं कभी बतलाता नहीं पर अँधेरे से डरता हूँ मैं माँ
यूँ तो मैं दिखलाता नहीं तेरी परवाह करता हूँ मैं माँ
तुझे सब है पता हैं ना माँ?
तुझे सब है पता...
मेरी माँ
भीड़ में यूँ ना छोड़ों मुझे
घर लौट के भी आना पाऊँ माँ
भेज ना इतना दूर मुझको तू
याद भी तुझको आना पाऊँ माँ
क्या इतना बुरा हूँ मैं माँ?
क्या इतना बुरा...
मेरी माँ
जब भी कभी पापा मुझे ज़ोर-ज़ोर से झूला झूलाते है माँ
मेरी नज़र ढूँढे तुझे, सोचूँ यही तू आ के थामेगी माँ
उनसे मैं ये कहता नहीं, पर मैं सहम जाता हूँ माँ
चेहरे पे आने देता नहीं, दिल ही दिल में घबराता हूँ माँ
तुझे सब है पता हैं ना माँ?
तुझे सब है पता...
मेरी माँ
ओ, मैं कभी बतलाता नहीं पर अँधेरे से डरता हूँ मैं माँ
यूँ तो मैं दिखलाता नहीं तेरी परवाह करता हूँ मैं माँ
तुझे सब है पता हैं ना माँ?
तुझे सब है पता...
मेरी माँ
यूँ तो मैं दिखलाता नहीं तेरी परवाह करता हूँ मैं माँ
तुझे सब है पता हैं ना माँ?
तुझे सब है पता...
मेरी माँ
भीड़ में यूँ ना छोड़ों मुझे
घर लौट के भी आना पाऊँ माँ
भेज ना इतना दूर मुझको तू
याद भी तुझको आना पाऊँ माँ
क्या इतना बुरा हूँ मैं माँ?
क्या इतना बुरा...
मेरी माँ
जब भी कभी पापा मुझे ज़ोर-ज़ोर से झूला झूलाते है माँ
मेरी नज़र ढूँढे तुझे, सोचूँ यही तू आ के थामेगी माँ
उनसे मैं ये कहता नहीं, पर मैं सहम जाता हूँ माँ
चेहरे पे आने देता नहीं, दिल ही दिल में घबराता हूँ माँ
तुझे सब है पता हैं ना माँ?
तुझे सब है पता...
मेरी माँ
ओ, मैं कभी बतलाता नहीं पर अँधेरे से डरता हूँ मैं माँ
यूँ तो मैं दिखलाता नहीं तेरी परवाह करता हूँ मैं माँ
तुझे सब है पता हैं ना माँ?
तुझे सब है पता...
मेरी माँ
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