0
Banke Bahar Aayi Hun - Geeta Dutt
0 0

Banke Bahar Aayi Hun Geeta Dutt

Banke Bahar Aayi Hun - Geeta Dutt
बनके बहार आयी हूँ
लेके करार आयी हूँ
फूंलों की ाँगड़ाईया
तारो की परछाईया
दिल में उतर आयी हूँ
ो बनके बहार आयी हूँ
लेके करार आयी हूँ
फूंलों की ाँगड़ाईया
तारो की परछाईया
दिल में उतर आयी हूँ
ो बनके बहार आयी हूँ

दिन है सुहाने
मिठे ग़म
ग़म के फ़साने
मेरे सपनो में
मेहका चमन
रंगी है ज़माने
छेड़े दिल ने तरने
नाचे मन मोरा होके मगन
हे मस्ती में झुनंति
कलियों को चूंमती
लेके बहरो का सिंगार आयी हूँ
बनके बहार आयी हूँ
लेके करार आयी हूँ
फूंलों की ाँगड़ाईया
तारो की परछाईया
दिल में उतर आयी हूँ
ो बनके बहार आयी हूँ
Comments (0)
The minimum comment length is 50 characters.
Information
There are no comments yet. You can be the first!
Login Register
Log into your account
And gain new opportunities
Forgot your password?