0
Ajnabi Shehar - Sonu Nigam
0 0

Ajnabi Shehar Sonu Nigam

Ajnabi Shehar - Sonu Nigam
अजनबी शहर है
अजनबी शाम है
ज़िंदगी अजनबी
क्या तेरा नाम है?

अजीब है ये ज़िंदगी
ये ज़िंदगी अजीब है
ये मिलती है, बिछड़ती है
बिछड़ के फिर से मिलती है

अजनबी शहर है
अजनबी शाम है

आपके बग़ैर भी हमें मीठी लगे उदासियाँ
क्या ये आपका, आपका कमाल है?
शायद आपको ख़बर नहीं, हिल रही है पाँव की ज़मीं
क्या ये आपका, आपका ख़्याल है?

अजनबी शहर में
ज़िंदगी मिल गई

अजीब है ये ज़िंदगी
ये ज़िंदगी अजीब है
मैं समझा था क़रीब हैं
ये औरों का नसीब है
Comments (0)
The minimum comment length is 50 characters.
Information
There are no comments yet. You can be the first!
Login Register
Log into your account
And gain new opportunities
Forgot your password?