[Raja Kumari, Amrita Singh, Arijit Singh & Neelesh Mishra "Pagal" के बोल]
[Intro]
मन है कलंदर, मन है योगी
मन जो चाहे, मन की होगी
फिर क्यों मन ने झूठ को पूजा?
(फिर क्यों मन ने झूठ को पूजा?)
दुख, तकलीफ़ें सारी भोगी, yeah
[Verse 1]
कभी सदियाँ, कभी लम्हा
कभी मुश्किल, कभी आसाँ
कभी रूठी, कभी झूठी
कभी पूरी, कभी टूटी
कभी जुगनूँ, कभी तारा
कभी कम-कम, कभी सारा
है बोल ज़िंदगी मीठा
Hm, पर इसका स्वाद है ख़ारा
[Pre-Chorus]
रत्ती-रत्ती, माशा-माशा
तिनका-तिनका, टूटी आशा
भोले हैं हम, समझ ना पाए
दुनिया का यह खेल-तमाशा
रत्ती-रत्ती, माशा-माशा
तिनका-तिनका, टूटी आशा
भोले हैं हम, समझ ना पाए
दुनिया का यह खेल-तमाशा
[Intro]
मन है कलंदर, मन है योगी
मन जो चाहे, मन की होगी
फिर क्यों मन ने झूठ को पूजा?
(फिर क्यों मन ने झूठ को पूजा?)
दुख, तकलीफ़ें सारी भोगी, yeah
[Verse 1]
कभी सदियाँ, कभी लम्हा
कभी मुश्किल, कभी आसाँ
कभी रूठी, कभी झूठी
कभी पूरी, कभी टूटी
कभी जुगनूँ, कभी तारा
कभी कम-कम, कभी सारा
है बोल ज़िंदगी मीठा
Hm, पर इसका स्वाद है ख़ारा
[Pre-Chorus]
रत्ती-रत्ती, माशा-माशा
तिनका-तिनका, टूटी आशा
भोले हैं हम, समझ ना पाए
दुनिया का यह खेल-तमाशा
रत्ती-रत्ती, माशा-माशा
तिनका-तिनका, टूटी आशा
भोले हैं हम, समझ ना पाए
दुनिया का यह खेल-तमाशा
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