किस्मत से कहाँ, तू खुद से लड़ता है
फ़िर हारे तू क्यूँ यहाँ?
जब टूटे हैं ये दिल, रो भी न तू पाए
और कुछ न कहे ये ज़ुबान
जाता, जाए तू कहाँ पता
तेरी मंज़िल कहाँ?
छोड़ आया अंजाने में
क्या वो मिल पाएंगे वहाँ?
सिकन्दर है वो जो जीता है यहाँ
फिर भी अकेला वो रहता है यहीं
सब है तेरे पास, फ़िर भी तू क्यूँ रोए?
ना सोना, चाँदी तू माँगे रब से
अब न कर तू ये ख़ता
छोड़ आया अंजाने में
क्या वो मिल पाएंगे वहाँ?
बंदे
बंदे
बंदे
तेरे पैरो के निशान
इस मिट्टी पर तुझको ले आऐंगे यहाँ
फ़िर हारे तू क्यूँ यहाँ?
जब टूटे हैं ये दिल, रो भी न तू पाए
और कुछ न कहे ये ज़ुबान
जाता, जाए तू कहाँ पता
तेरी मंज़िल कहाँ?
छोड़ आया अंजाने में
क्या वो मिल पाएंगे वहाँ?
सिकन्दर है वो जो जीता है यहाँ
फिर भी अकेला वो रहता है यहीं
सब है तेरे पास, फ़िर भी तू क्यूँ रोए?
ना सोना, चाँदी तू माँगे रब से
अब न कर तू ये ख़ता
छोड़ आया अंजाने में
क्या वो मिल पाएंगे वहाँ?
बंदे
बंदे
बंदे
तेरे पैरो के निशान
इस मिट्टी पर तुझको ले आऐंगे यहाँ
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