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Hari Aur Mein - Narci
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Hari Aur Mein Narci

Hari Aur Mein - Narci
ये दुनिया गोरख धंधा है
ये दुनिया गोरख धंधा है
सब जग माया में अंधा है
सब जग माया में अंधा है

जिस अंधे ने प्रभु को देखा नहीं
वो रूप बताना क्या जाने
जिस अंधे ने प्रभु को देखा नहीं
वो रूप बताना क्या जाने

कोई कितना चाहे ज्ञान कहे
भगवान को पाना क्या जाने
जिस अंधे ने प्रभु को देखा नहीं
वो रूप बताना क्या जाने

दिखावे से बताने से या मंदिरों में जाने से
जताने से पहनावे से या बड़ी बातें लाने से
मिलेंगे ना हरि तुम्हें किसी भी ठिकाने में
दिल भी पड़ा मैला तो ना मिलेंगे कावने में

व्यस्त है जवाना सारा हरि को ही पाने में
पाने में ना मजा जो मजा है समाने में
चाहता हो समाना मैं ना पाने की हो दौड़ में
समय ना गवाता हो मैं आस्था बताने में

हरि जाने आस्था क्यों ही मैं सफाई दूं
सारे ही जवाना को तो क्या ही काईन गवाही दूं
आस्था की मेरी बस बात यही बोलो
हरि है सच्चाई में तो बस परछाई हो
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