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Mizaaj - The Local Train
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Mizaaj - The Local Train
[Intro]
खुदगर्ज़ इस नादान दिल से कोई पूछे हाल क्या है
सोचा कभी बदलेंगे जहाँ, हर घडी यह हमे बदलता है

[Instrumental Interlude]

[Verse 1]
उल्फत में जो उलझे है, उनका है यह कहना
ख़ाबों में ही रहना यहाँ
दस्तूर है यह शायद, हमको है जो मिला
फ़ितरत वही चेहरा नया

[Chorus]
बात वो हो चुकी, हसरते अब है दुआ
मुड़के क्या देखे यहाँ?
मंज़िलो की बात वो रास्तो से हो कैसे बयाँ?
तू है अब दोनों जहाँ

[Verse 2]
मिलते रहे थे जिनसे इन ख़ाबों के साज़
शामिल हूँ मैं उनमे यहाँ
पर्दा उठा दो जाना, दुनिया का मिज़ाज
बस आइना है ये जहाँ
Oh-oh-oh, oh-oh
Oh-oh-oh, oh-oh-oh-oh
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