तक तड़क-भड़क, दिल धड़क-धड़क
गया अटक-अटक, ना माना
लट गई रे उलझ, कैसे कोई हट गया?
मन से लिपट अनजाना
वो नील अंग सा रूप-रंग
लगी सकल समाधी प्रेम भंग
चढ़े अंग-अंग, फिर मन मृदंग
और तन पतंग, मैं संग-संग
और कान्हा
मुरली की ये धुन, सुन राधिके
मुरली की ये धुन, सुन राधिके
मुरली की ये धुन, सुन राधिके
धुन साँस-साँस में बुन के
धुन साँस-साँस में बुन के
कर दे प्रेम का, गीत का
मोह का शगुन
मुरली की ये धुन, सुन राधिके
मुरली की ये धुन, सुन राधिके
मुरली की ये धुन, सुन राधिके
हो, आना जो आ के कभी
फिर जाना, जाना नहीं
जाना हो तूने अगर
तो आना, आना नहीं
गया अटक-अटक, ना माना
लट गई रे उलझ, कैसे कोई हट गया?
मन से लिपट अनजाना
वो नील अंग सा रूप-रंग
लगी सकल समाधी प्रेम भंग
चढ़े अंग-अंग, फिर मन मृदंग
और तन पतंग, मैं संग-संग
और कान्हा
मुरली की ये धुन, सुन राधिके
मुरली की ये धुन, सुन राधिके
मुरली की ये धुन, सुन राधिके
धुन साँस-साँस में बुन के
धुन साँस-साँस में बुन के
कर दे प्रेम का, गीत का
मोह का शगुन
मुरली की ये धुन, सुन राधिके
मुरली की ये धुन, सुन राधिके
मुरली की ये धुन, सुन राधिके
हो, आना जो आ के कभी
फिर जाना, जाना नहीं
जाना हो तूने अगर
तो आना, आना नहीं
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