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Kabhi Kabhi Aditi - Rashid Ali
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Kabhi Kabhi Aditi Rashid Ali

Kabhi Kabhi Aditi - Rashid Ali
[Chorus]
कभी-कभी अदिती ज़िंदगी में यूँही कोई अपना लगता है
कभी-कभी अदिती वो बिछड़ जाए तो एक सपना लगता है
ऐसे में कोई कैसे अपने आँसुओ को बेहेने से रोके
और कैसे कोई सोचदे everything gonna be okay

कभी-कभी तो लगे ज़िंदगी में रही ना ख़ुशी और ना मज़ा
कभी-कभी तो लगे हर दिन मुश्किल और हर पल एक सज़ा
ऐसे में कोई कैसे मुस्कुराए, कैसे हँस दे ख़ुश होके
और कैसे कोई सोचदे everything gonna be okay

[Instrumental-break]

[Verse 1]
सोच ज़रा जाने-ए-जां तुझको हमे कितना चाहते हैं
रोते हम भी अगर तेरे आँखों में आँसू आते हैं
गाना तो आता नहीं है मगर फिर भी गाते हैं
हे अदिती मान कभी, कभी सारे जहाँ में अँधेरा होता है
लेकिन रात के बाद ही तो सवेरा होता है

[Chorus]
कभी-कभी अदिती ज़िंदगी में यूँही कोई अपना लगता है
कभी-कभी अदिती वो बिछड़ जाए तो एक सपना लगता है
हे अदिती हँस दे, हँस दे, हँस दे, हँस दे, हँस दे तू ज़रा
नहीं तो बस थोडा-थोडा-थोडा-थोडा-थोडा-थोडा मुस्कुरा
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