[Chorus]
संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं
जो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
कि घर कब आओगे, कि घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
कि तुम बिन ये घर सूना-सूना है
संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं
जो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
कि घर कब आओगे, कि घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
कि तुम बिन ये घर सूना-सूना है
[Instrumental-break]
[Verse 1]
किसी दिलवाली ने, किसी मतवाली ने
हमें ख़त लिखा है, ये हम से पूछा है
किसी की साँसों ने, किसी की धड़कन ने
किसी की चूड़ी ने, किसी के कंगन ने
किसी के कजरे ने, किसी के गजरे ने
महकती सुबहों ने, मचलती शामों ने
अकेली रातों ने, अधूरी बातों ने
तरसती बाँहों ने और पूछा है तरसी निगाहों ने
संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं
जो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
कि घर कब आओगे, कि घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
कि तुम बिन ये घर सूना-सूना है
संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं
जो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
कि घर कब आओगे, कि घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
कि तुम बिन ये घर सूना-सूना है
[Instrumental-break]
[Verse 1]
किसी दिलवाली ने, किसी मतवाली ने
हमें ख़त लिखा है, ये हम से पूछा है
किसी की साँसों ने, किसी की धड़कन ने
किसी की चूड़ी ने, किसी के कंगन ने
किसी के कजरे ने, किसी के गजरे ने
महकती सुबहों ने, मचलती शामों ने
अकेली रातों ने, अधूरी बातों ने
तरसती बाँहों ने और पूछा है तरसी निगाहों ने
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