[Intro]
बाग़ों में, बाग़ों में कैसे ये फूल
खिलते हैं, हो, खिलते हैं?
खिलते हैं भँवरों से जब फूल
मिलते हैं, हो, मिलते हैं
हो-हो-हो, बाग़ों में...
[Verse 1]
रंगीली रुत आ के रंग देती है इनको
रंगीली रुत आ के रंग देती है इनको
नहीं, तुम सी कोई गोरी चूम लेती है इनको
[Chorus]
फूलों को, फूलों को होंठों से
रंग-रूप मिलते हैं, हो, मिलते हैं
हो-हो-हो, बाग़ों में...
[Verse 2]
मौसम बहारों के लगते हैं क्यूँ प्यारे?
मौसम बहारों के लगते हैं क्यूँ प्यारे?
हँसते हैं, रोते हैं कलियों के संग सारे
[Chorus]
कलियों के, कलियों के खिलने से
दिल भी खिलते हैं, हो, खिलते हैं
बाग़ों में...
बाग़ों में, बाग़ों में कैसे ये फूल
खिलते हैं, हो, खिलते हैं?
खिलते हैं भँवरों से जब फूल
मिलते हैं, हो, मिलते हैं
हो-हो-हो, बाग़ों में...
[Verse 1]
रंगीली रुत आ के रंग देती है इनको
रंगीली रुत आ के रंग देती है इनको
नहीं, तुम सी कोई गोरी चूम लेती है इनको
[Chorus]
फूलों को, फूलों को होंठों से
रंग-रूप मिलते हैं, हो, मिलते हैं
हो-हो-हो, बाग़ों में...
[Verse 2]
मौसम बहारों के लगते हैं क्यूँ प्यारे?
मौसम बहारों के लगते हैं क्यूँ प्यारे?
हँसते हैं, रोते हैं कलियों के संग सारे
[Chorus]
कलियों के, कलियों के खिलने से
दिल भी खिलते हैं, हो, खिलते हैं
बाग़ों में...
Comments (0)
The minimum comment length is 50 characters.