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Ni Main Samajh Gayi - Richa Sharma (Ft. Sukhwinder Singh)
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Ni Main Samajh Gayi - Richa Sharma (Ft. Sukhwinder Singh)
सजना वे वे सोनिया वे
रांझणा वे सोनिया वे माहिया वे
माहिया वे सोनिया वे रांझणा वे

नि मैं समझ गयी नि मैं समझ गयी
इस गल दी रमज मैं समझ गयी
नि मैं समझ गयी नि मैं समझ गयी
इस गल दी रमज मैं समझ गयी
ना समझी थी तो उलझ गयी
अब उलझन तेरी सुलझ गयी
नि तू समझ गयी नि मैं समझ गयी नि मैं समझ गयी
इस गल दी रमज मैं समझ गयी
नि मैं समझ गया नि मैं समझ गया नि मैं समझ गया
इस गल दी रमज मैं समझ गया
नि मैं समझ गया
रांझणा वे सोनिया वे माहिया वे

माहिया वे सोनिया वे रांझणा वे
ना समझ मुझे बतलाए ना, ये कुछ भी मुझे समझाए ना

रंग इतना चढ़ा की दमक गया होंठो से
आँख मे ठहर गया
बन के फिर वो घनघोर घटा, ज़ुल्फो मे वो फिर उलझ गया
ऐनु प्यार दा चस्का ए साई ते, इश्क़ ही ऎदी रियासत ए
ऎते मत्थे ताज मुहब्बत दा, अक्खां विच नशा इबादत दा ए
दरबार एदे विच काई रांझे, ते मीरजे बोलियाँ पौडे ने
दरबार एदे विच काई रांझे, ते मीरजे बोलियाँ पौडे ने
ए हुस्न दे चरने हुस्न दे चरने, हुस्न दे चरने पी जाँदा
ओ तेरे हुस्न दे चरने पी जाँदा
हुस्न दे चरने हुस्न दे चराने, हुस्न दे चरने पी जाँदा
ओ तेरे हुस्न दे चराने पी जाँदा
ओ साई ऎदा साई मेरेया साई ऎदा की जाँदा
ओ साई ऎदा साई मेरेया साई ऎदा की जाँदा
हथ लाया शर्मा जाँदा, ते तोड़ेया आई मुरझा जाँदा
तो साई ऎदा की जाँदा
ओ साई मेरेया साई मेरेया साई मेरेया की जाँदा
ओ साई मेरेया साई मेरेया साई मेरेया की जाँदा
ओ साई मेरेया साई मेरेया साई मेरेया की जाँदा
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