
Zaalima Arijit Singh (Ft. Harshdeep Kaur)
На этой странице вы найдете полный текст песни "Zaalima" от Arijit Singh (Ft. Harshdeep Kaur). Lyrxo предлагает вам самый полный и точный текст этой композиции без лишних отвлекающих факторов. Узнайте все куплеты и припев, чтобы лучше понять любимую песню и насладиться ею в полной мере. Идеально для фанатов и всех, кто ценит качественную музыку.

[Chorus: Arijit Singh]
जो तेरी खातिर तड़पे पहले से ही
क्या उसे तड़पाना
ओ ज़ालिमा, ओ ज़ालिमा
जो तेरे इश्क़ में बहका पहले से ही
क्या उसे बहकाना
ओ ज़ालिमा, ओ ज़ालिमा
जो तेरी खातिर तड़पे पहले से ही
क्या उसे तड़पाना
ओ ज़ालिमा, ओ ज़ालिमा
जो तेरे इश्क़ में बहका पहले से ही
क्या उसे बहकाना
ओ ज़ालिमा, ओ ज़ालिमा
[Verse 1: Arijit Singh]
आँखें मरहबा, बातें मरहबा
मैं सौ मर्तबा दीवाना हुआ
मेरा ना रहा जब से दिल मेरा
तेरे हुस्न का निशाना हुआ
[Pre-Chorus 1: Arijit Singh]
जिसकी हर धड़कन तू हो
ऐसे, दिल को क्या धड़काना
ओ ज़ालिमा, ओ ज़ालिमा
जो तेरी खातिर तड़पे पहले से ही
क्या उसे तड़पाना
ओ ज़ालिमा, ओ ज़ालिमा
जो तेरे इश्क़ में बहका पहले से ही
क्या उसे बहकाना
ओ ज़ालिमा, ओ ज़ालिमा
जो तेरी खातिर तड़पे पहले से ही
क्या उसे तड़पाना
ओ ज़ालिमा, ओ ज़ालिमा
जो तेरे इश्क़ में बहका पहले से ही
क्या उसे बहकाना
ओ ज़ालिमा, ओ ज़ालिमा
[Verse 1: Arijit Singh]
आँखें मरहबा, बातें मरहबा
मैं सौ मर्तबा दीवाना हुआ
मेरा ना रहा जब से दिल मेरा
तेरे हुस्न का निशाना हुआ
[Pre-Chorus 1: Arijit Singh]
जिसकी हर धड़कन तू हो
ऐसे, दिल को क्या धड़काना
ओ ज़ालिमा, ओ ज़ालिमा
Комментарии (0)
Минимальная длина комментария — 50 символов.