दीवाने हो के हम मिलने लगे सनम
जब से जुड़े हैं सिलसिले
आँखों से रूठ कर नींदें चली गई
ना जाने कैसे गुल खिले
ना जाने कैसे प्यार हुआ
ना जाने कब इक़रार हुआ
के अपनी बात बन गई
दीवाने हो के हम मिलने लगे सनम
जब से जुड़े हैं सिलसिले
धड़कता है दिल तुम्हारे लिए
ऐ हुस्न-ए-जाँ ज़रा सोचिए
हाँ, ये क्या दिल्लगी, ये क्या है सितम
आए अभी, अभी चल दिए
मिटेंगे कैसे ये फ़ासले?
दीवाने हो के हम मिलने लगे सनम
जब से जुड़े हैं सिलसिले
आँखों से रूठ कर नींदें चली गई
ना जाने कैसे गुल खिले
मुक़द्दर मेरा सँवर जाने दो
दिल जो कहे वो कर जाने दो
हो, मेरी बाहों में चले आओ तुम
हद से मुझे गुज़र जाने दो
के आओ लगा लूँ तुमको गले
जब से जुड़े हैं सिलसिले
आँखों से रूठ कर नींदें चली गई
ना जाने कैसे गुल खिले
ना जाने कैसे प्यार हुआ
ना जाने कब इक़रार हुआ
के अपनी बात बन गई
दीवाने हो के हम मिलने लगे सनम
जब से जुड़े हैं सिलसिले
धड़कता है दिल तुम्हारे लिए
ऐ हुस्न-ए-जाँ ज़रा सोचिए
हाँ, ये क्या दिल्लगी, ये क्या है सितम
आए अभी, अभी चल दिए
मिटेंगे कैसे ये फ़ासले?
दीवाने हो के हम मिलने लगे सनम
जब से जुड़े हैं सिलसिले
आँखों से रूठ कर नींदें चली गई
ना जाने कैसे गुल खिले
मुक़द्दर मेरा सँवर जाने दो
दिल जो कहे वो कर जाने दो
हो, मेरी बाहों में चले आओ तुम
हद से मुझे गुज़र जाने दो
के आओ लगा लूँ तुमको गले
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