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Murdaghar - Bella & Rohit Gaira
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Murdaghar - Bella & Rohit Gaira
[Bella & Rohit Gaira "Murdaghar" के बोल]

[Intro]
खुद से बड़ा कोई, अब मुझको लगता नही
दिल तो लगाना चाहूं, पर दिल खुद पे ही लगता नही
मैं शायर जिंदगी (जिंदगी), खुद को ही बयां करे
इस मंजिल पे आके मैं पल भर भी भटका नही

[Verse 1]
सब खिलाफ है, हर दिल में पाप है
हर घर में खामोशियां
जिस दिन से मैंने इन लाखो लोगो की रूह में खुद को पाया
दिन ना हल मिले, जो मेरी मुश्किलें, सर पे चढ़के मुझे मौत दे
हां मैं लिखने बैठा, हर वक्त ऐसा, जादू जो सुन उठे रोंगटे
बस दो जने है हम, मैं और मेरी सादगी के मारे है (सादगी के मारे)
इस जंगली दुनिया में जो छीन खाता, उसे सभी जानते है (सभी जानते है)
मायूस चेहरा करता बयां, तुम्हे कौन-कौन चाहे (चाहे)
अरे हसता चेहरा नही, इतना काबिल की वो तुझे भी हसा पाए

[Verse 2]
फिर से बरसातो में, सीखा है मैने इन आंसुओ को छुपाना
तब से खुद की हंसी से मुझको नफरत हो गई है
खुद से मैं करूं ये सवाल "अभी क्या है मेरी existense?" (मैं कौन हूं?)
जब लड़े मेरे मां-बाप काश की वो ये करे understand
उस घर की थी कितनी जरूरत मुझे
जहां से निकाल फेंका मुझे (ओओओ)
मेरे दिल में जहर, मेरे कपड़े फटे, मेरे बाप ने नी देखा मुझे (ओओओ)
ये industry नोचे हर दिन, मैं ले लूंगा फांसी अब किसी भी दिन (ओओओ)
मैं कैसे निभाऊ किसी से ये रिश्ता?
मां, मैं नही हूं फरिश्ता
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