[Chorus]
तेरे बिना मर्ज़ आधा-अधूरा है
एक धुँध है, शाम है, ना सवेरा है
तनहा हूँ मैं, फिर भी तनहा नहीं
डर ये है कि फ़ना हो ना जाऊँ
[Post-Chorus]
आजा ना, निगाहों से इल्ज़ाम दे
अदाओं से पैग़ाम दे, कोई तो मुझे नाम दे
इश्क़ है बद-गुमाँ
आजा ना, निगाहों से इल्ज़ाम दे
अदाओं से पैग़ाम दे, कोई तो मुझे नाम दे
इश्क़ है बद-गुमाँ
[Verse 1]
तू नदी का किनारा
गुमनाम सा मैं हूँ सफ़ीना
तू है मौसम बहारा
सूखी-सूखी मैं हिना
जाँ मेरी है फँसी एक मुलाक़ात में
कैसे मैं अब जियूँ ऐसे हालात में?
सर पे ग़म का है जो आसमाँ
[Chorus]
तेरे बिना मर्ज़ आधा-अधूरा है
एक धुँध है, शाम है, ना सवेरा है
तनहा हूँ मैं, फिर भी तनहा नहीं
डर ये है कि फ़ना हो ना जाऊँ
तेरे बिना मर्ज़ आधा-अधूरा है
एक धुँध है, शाम है, ना सवेरा है
तनहा हूँ मैं, फिर भी तनहा नहीं
डर ये है कि फ़ना हो ना जाऊँ
[Post-Chorus]
आजा ना, निगाहों से इल्ज़ाम दे
अदाओं से पैग़ाम दे, कोई तो मुझे नाम दे
इश्क़ है बद-गुमाँ
आजा ना, निगाहों से इल्ज़ाम दे
अदाओं से पैग़ाम दे, कोई तो मुझे नाम दे
इश्क़ है बद-गुमाँ
[Verse 1]
तू नदी का किनारा
गुमनाम सा मैं हूँ सफ़ीना
तू है मौसम बहारा
सूखी-सूखी मैं हिना
जाँ मेरी है फँसी एक मुलाक़ात में
कैसे मैं अब जियूँ ऐसे हालात में?
सर पे ग़म का है जो आसमाँ
[Chorus]
तेरे बिना मर्ज़ आधा-अधूरा है
एक धुँध है, शाम है, ना सवेरा है
तनहा हूँ मैं, फिर भी तनहा नहीं
डर ये है कि फ़ना हो ना जाऊँ
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