आज फिर तुम पे प्यार आया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
बेहद और बेशुमार आया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
बेहद और बेशुमार आया है
टूटे तो टूटे तेरी बाँहों में ऐसे
जैसे शाख़ों से पत्ते बेहया
बिखरे तुझी से और सिमटे तुझी में
तू ही मेरा सब ले गया
ना फ़िकर, ना शरम
ना लिहाज़ एक बार आया
फिर ज़र्रे-ज़र्रे में दीदार आया है
फिर ज़र्रे-ज़र्रे में दीदार आया है
बेहद और बेशुमार आया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
बेहद और बेशुमार आया है
तू ही मेरी आवारगी
तू ही दुआ हर शाम की
तू ख़्वा-मख़्वाह, तू लाज़मी
तू ही रज़ा, तू ही कमी
आज फिर तुम पे प्यार आया है
बेहद और बेशुमार आया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
बेहद और बेशुमार आया है
टूटे तो टूटे तेरी बाँहों में ऐसे
जैसे शाख़ों से पत्ते बेहया
बिखरे तुझी से और सिमटे तुझी में
तू ही मेरा सब ले गया
ना फ़िकर, ना शरम
ना लिहाज़ एक बार आया
फिर ज़र्रे-ज़र्रे में दीदार आया है
फिर ज़र्रे-ज़र्रे में दीदार आया है
बेहद और बेशुमार आया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
बेहद और बेशुमार आया है
तू ही मेरी आवारगी
तू ही दुआ हर शाम की
तू ख़्वा-मख़्वाह, तू लाज़मी
तू ही रज़ा, तू ही कमी
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