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Kehna Hi Kya - K.S. Chithra
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Kehna Hi Kya K.S. Chithra

Kehna Hi Kya - K.S. Chithra
[Hook]
गुमसुम गुमसुम गुपचुप
गुमसुम गुप चुप
गुमसुम गुमसुम गुपचुप
गुमसुम गुप चुप

[Bridge]
हलचल-हलचल हो गई तेरी, होंठ हैं तेरे चुप
खलबल-खलबल हो गई तेरी, बैठें हैं गुपचुप
प्यारे-प्यारे चेहरे ने करते ही इशारा
देखा तेरी आँखों ने है सपना कोई प्यारा
हमसे गोरी ना तू शरमा, कह दे हमसे ज़रा
हमसे गोरी ना तू शरमा, कह दे हमसे ज़रा

[Chorus]
कहना ही क्या ये नैन एक अंजान से जो मिले
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
अरमां नए ऐसे दिल में खिले, जीन को कभी मैं ना जानूँ
वो हमसे हम उनसे कभी ना मिले, कैसे मिले दिल ना जानूँ
अब क्या करें, क्या नाम लें, कैसे उन्हे मैं पुकारूँ

[Chorus]
कहना ही क्या ये नैन एक अंजान से जो मिले
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
अरमां नए ऐसे दिल में खिले, जीन को कभी मैं ना जानूँ
वो हमसे हम उनसे कभी ना मिले, कैसे मिले दिल ना जानूँ
अब क्या करें, क्या नाम लें, कैसे उन्हे मैं पुकारूँ
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