आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में...
गाते हो गीत क्यूँ? दिल पे क्यूँ हाथ है?
खोए हो किसलिए? ऐसी क्या बात है?
ये हाल कब से तुम्हारा हो गया?
हाँ, आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में...
चलते हो झूम के, बदली है चाल भी
नैनों में रंग हैं, बिखरे हैं बाल भी
किस दिलरुबा का नज़ारा हो गया?
हाँ, आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में...
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में...
गाते हो गीत क्यूँ? दिल पे क्यूँ हाथ है?
खोए हो किसलिए? ऐसी क्या बात है?
ये हाल कब से तुम्हारा हो गया?
हाँ, आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में...
चलते हो झूम के, बदली है चाल भी
नैनों में रंग हैं, बिखरे हैं बाल भी
किस दिलरुबा का नज़ारा हो गया?
हाँ, आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में...
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