
Laila Dhvani Bhanushali
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मेरे सर पे होगी धुन तेरी
तेरे सर पे मेरा फ़तूर होगा
मुझे तुमपे नाज़ है जितना
तुम्हें मुझपे उतना ग़रूर होगा
मैं लैला की तरहा
तू मजनू सा मशहूर होगा
देखना ये एक दिन ज़रूर होगा
देखना ये एक दिन
चाँदनी से धूप तक
वहीं पे बिखरेगी
जिस जगह मिलेंगे हम
ये देखना
आसमां भी टूटेगा
ज़मीं भी पिघलेगी
जिस जगह मिलेंगे हम
ये देखना
बेचैनियों का समां रहेगा
होगा ये भी देखना
दर्द में ये जहाँ रहेगा
होगा ये भी देखना
हाँ यही होगा
थोड़ा थोड़ा तेरा होगा
थोड़ा थोड़ा मेरा कसूर होगा
मुझे तुमपे नाज़ है जितना...
तेरे सर पे मेरा फ़तूर होगा
मुझे तुमपे नाज़ है जितना
तुम्हें मुझपे उतना ग़रूर होगा
मैं लैला की तरहा
तू मजनू सा मशहूर होगा
देखना ये एक दिन ज़रूर होगा
देखना ये एक दिन
चाँदनी से धूप तक
वहीं पे बिखरेगी
जिस जगह मिलेंगे हम
ये देखना
आसमां भी टूटेगा
ज़मीं भी पिघलेगी
जिस जगह मिलेंगे हम
ये देखना
बेचैनियों का समां रहेगा
होगा ये भी देखना
दर्द में ये जहाँ रहेगा
होगा ये भी देखना
हाँ यही होगा
थोड़ा थोड़ा तेरा होगा
थोड़ा थोड़ा मेरा कसूर होगा
मुझे तुमपे नाज़ है जितना...
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