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Bekas Pe Karam Kijiye Lata Mangeshkar
"Bekas Pe Karam Kijiye," sung by Lata Mangeshkar, is a poignant ghazal from 1966 that expresses deep longing and a plea for compassion. The lyrics convey themes of love, sorrow, and vulnerability. Its haunting melody features traditional instruments, enhancing its emotional depth. The song remains a classic in Indian music, resonating with many for its heartfelt expression. #Ghazal
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ऐ मेरे मुश्किल-कुशा, फ़रियाद है, फ़रियाद है
आप के होते हुए दुनिया मेरी बर्बाद है
बेकस पे करम कीजिए, सरकार-ए-मदीना
बेकस पे करम कीजिए
गर्दिश में है तक़दीर, भँवर में है सफ़ीना
गर्दिश में है तक़दीर, भँवर में है सफ़ीना
बेकस पे करम कीजिए, सरकार-ए-मदीना
बेकस पे करम कीजिए
ऐ वक़्त-ए-मदद, आइए बिगड़ी को बनाने, बिगड़ी को बनाने
पोशीदा नहीं आप से कुछ दिल के फ़साने
ज़ख़्मों से भरा है किसी मजबूर का सीना
बेकस पे करम कीजिए
छाई है मुसीबत की घटा, गेसुओं वाले, गेसुओं वाले
लिल्लाह, मेरी डूबती कश्ती को बचा ले
तूफ़ान के आसार हैं, दुश्वार है जीना
बेकस पे करम कीजिए
गर्दिश में है तक़दीर, भँवर में है सफ़ीना
बेकस पे करम कीजिए, सरकार-ए-मदीना
बेकस पे करम कीजिए
आप के होते हुए दुनिया मेरी बर्बाद है
बेकस पे करम कीजिए, सरकार-ए-मदीना
बेकस पे करम कीजिए
गर्दिश में है तक़दीर, भँवर में है सफ़ीना
गर्दिश में है तक़दीर, भँवर में है सफ़ीना
बेकस पे करम कीजिए, सरकार-ए-मदीना
बेकस पे करम कीजिए
ऐ वक़्त-ए-मदद, आइए बिगड़ी को बनाने, बिगड़ी को बनाने
पोशीदा नहीं आप से कुछ दिल के फ़साने
ज़ख़्मों से भरा है किसी मजबूर का सीना
बेकस पे करम कीजिए
छाई है मुसीबत की घटा, गेसुओं वाले, गेसुओं वाले
लिल्लाह, मेरी डूबती कश्ती को बचा ले
तूफ़ान के आसार हैं, दुश्वार है जीना
बेकस पे करम कीजिए
गर्दिश में है तक़दीर, भँवर में है सफ़ीना
बेकस पे करम कीजिए, सरकार-ए-मदीना
बेकस पे करम कीजिए
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