दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात तुम जाओ ना
आकर बाँहों मैं
समाकर आहों में
अब यूँ नज़र को चुराओ ना
दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात तुम जाओ ना
आकर बाँहों मैं
समाकर आहों में
अब यूँ नज़र को चुराओ ना
दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात तुम जाओ ना
आज रात को हुस्न इश्क़ को
फिर बुला रहा है
फिर बुला रहा है
आग पानी मैं
किस प्यार से
फिर मिला रहा हैं
फिर मिला रहा हैं
फिरसे वो प्यारे बहार के दिन
आज तुम ले आओ ना
पुकारते हम रहे
आज की रात तुम जाओ ना
आकर बाँहों मैं
समाकर आहों में
अब यूँ नज़र को चुराओ ना
दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात तुम जाओ ना
आकर बाँहों मैं
समाकर आहों में
अब यूँ नज़र को चुराओ ना
दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात तुम जाओ ना
आज रात को हुस्न इश्क़ को
फिर बुला रहा है
फिर बुला रहा है
आग पानी मैं
किस प्यार से
फिर मिला रहा हैं
फिर मिला रहा हैं
फिरसे वो प्यारे बहार के दिन
आज तुम ले आओ ना
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