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Tujh Mein Rab Dikhta Hai - Roop Kumar Rathod
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Tujh Mein Rab Dikhta Hai Roop Kumar Rathod

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Tujh Mein Rab Dikhta Hai - Roop Kumar Rathod
तू ही तो जन्नत मेरी, तू ही मेरा जुनूँ
तू ही तो मन्नत मेरी, तू ही रूह का सुकूँ
तू ही अखियों की ठंडक, तू ही दिल की है दस्तक
और कुछ ना जानूँ मैं, बस इतना ही जानूँ

तुझमें रब दिखता है, यारा, मैं क्या करूँ?
तुझमें रब दिखता है, यारा, मैं क्या करूँ?
सज्दे सर झुकता है, यारा, मैं क्या करूँ?
तुझमें रब दिखता है, यारा, मैं क्या करूँ?

कैसी है ये दूरी? कैसी मजबूरी?
मैंने नज़रों से तुझे छू लिया
हो-हो-हो, कभी तेरी खुशबू, कभी तेरी बातें
बिन माँगे ये जहाँ पा लिया

तू ही दिल की है रौनक़, तू ही जन्मों की दौलत
और कुछ ना जानूँ, बस इतना ही जानूँ

तुझमें रब दिखता है, यारा, मैं क्या करूँ?
तुझमें रब दिखता है, यारा, मैं क्या करूँ?
सज्दे सर झुकता है, यारा, मैं क्या करूँ?
तुझमें रब दिखता है, यारा, मैं क्या करूँ?

ਵੱਸਦੀ, ਵੱਸਦੀ, ਵੱਸਦੀ, ਦਿਲ ਦੀ ਦਿਲ ਵਿੱਚ ਵੱਸਦੀ
ਹੱਸਦੀ, ਹੱਸਦੀ, ਹੱਸਦੀ, ਦਿਲ ਰੋਵੇ 'ਤੇ ਹੱਸਦੀ
रब ने बना दी जोड़ी, हाए
ਵੱਸਦੀ, ਵੱਸਦੀ, ਵੱਸਦੀ, ਦਿਲ ਦੀ ਦਿਲ ਵਿੱਚ ਵੱਸਦੀ
ਹੱਸਦੀ, ਹੱਸਦੀ, ਹੱਸਦੀ, ਦਿਲ ਰੋਵੇ 'ਤੇ ਹੱਸਦੀ
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