
Rab Ka Shukrana Mohit Chauhan
"Rab Ka Shukrana" by Mohit Chauhan, released in 2010, is a soulful #Sufi track expressing gratitude to the divine for love and life's blessings. The lyrics convey deep emotions, celebrating faith and connection. Its unique blend of traditional instruments and contemporary melodies enhances its spiritual essence, resonating with listeners across cultures.

[Chorus]
तू है अब जो बाहों में करार है
रब का शुकराना
साँसों में है नशा, खुमार है
रब का शुकराना
तू ही अब मेरा दिन है, ईमान है
रब का शुकराना
मेरा कलमा है तू, अज़ान है
रब का शुकराना
रब का शुकराना
[Verse]
तू मिला तो सब मिला, अब किसी से क्या गिला
तुझमें सिमटू, आ मैं बिखरु तेरी बाहों में
तू मिला तो सब मिला, अब किसी से क्या गिला
तुझमे सिमटू, आ मैं बिखरु तेरी बाँहों में
फ़ना हो जाऊँ मैं
[Chorus]
तू ही अब दुनिया मेरी, जहान है
रब का शुकराना
ख्वाबो की ख्यालो की उड़न है
रब का शुकराना
तू ही अब मेरा दिन है, ईमान है
रब का शुकराना
मेरा कलमा है तू, अज़ान है
रब का शुकराना
तू है अब जो बाहों में करार है
रब का शुकराना
साँसों में है नशा, खुमार है
रब का शुकराना
तू ही अब मेरा दिन है, ईमान है
रब का शुकराना
मेरा कलमा है तू, अज़ान है
रब का शुकराना
रब का शुकराना
[Verse]
तू मिला तो सब मिला, अब किसी से क्या गिला
तुझमें सिमटू, आ मैं बिखरु तेरी बाहों में
तू मिला तो सब मिला, अब किसी से क्या गिला
तुझमे सिमटू, आ मैं बिखरु तेरी बाँहों में
फ़ना हो जाऊँ मैं
[Chorus]
तू ही अब दुनिया मेरी, जहान है
रब का शुकराना
ख्वाबो की ख्यालो की उड़न है
रब का शुकराना
तू ही अब मेरा दिन है, ईमान है
रब का शुकराना
मेरा कलमा है तू, अज़ान है
रब का शुकराना
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