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Main Zindagi Ka Saath Nibhata Chala Gaya - Mohammed Rafi
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Main Zindagi Ka Saath Nibhata Chala Gaya Mohammed Rafi

Main Zindagi Ka Saath Nibhata Chala Gaya - Mohammed Rafi
[Chorus]
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा

[Verse 1]
बरबादियों का सोग मनाना फ़जूल था
बरबादियों का सोग मनाना फ़जूल था
मनाना फ़जूल था, मनाना फ़जूल था
बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा

[Verse 2]
जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया
जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया
मुकद्दर समझ लिया, मुकद्दर समझ लिया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ा

[Verse 3]
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
न महसूस हो जहाँ, न महसूस हो जहाँ
मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया
मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया
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